Thursday, March 26, 2020

कोरोना के डर के बीच का जीवन


पूरी दुनिया को कोरोना नामक बीमारी ने अपने कब्जे में कर लिया है | दिनों दिन इससे मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है | अभी तक इसका कोई ईलाज उपलब्ध नहीं है | इससे बचाव ही बेहतर उपाय है | इसको ध्यान में रखकर भारत सरकार ने 21 दिनों के लॉक डाउन की घोसणा की है | ट्रेन बस हवाई जहाज सभी बंद हैं | पुरी दुनिया से आ रही मौत की खबरों से एक अजीब सा डर पैदा होता जा रहा है | इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे बड़े बड़े देश इसकी चपेट में बुरी तरह से आ गए हैं | रोजाना लगभग 2000 लोग मारे जा रहे हैं | इस बीमारी के बारे में ज्यादा कुछ पता भी नहीं है | एक इंसान से दुसरे इंसान में फैलता है | और यह बड़ी ही तेजी से फैलता है | इलाज करने वाले डॉक्टर्स और नर्सेज भी इसकी चपेट में आ रहे हैं | घर से निकलना तो पिछले कई दिनों से बंद है | किसी भी सामान को छूने में डर लगता है | रोजाना घर परिवार वालों और दोस्तों से बात होती है तो थोडी राहत मिलती है | छींकने खांसने पर डर लगता है | जीवन पूरी तरह से एक घर में एक कमरे में कैद हो गया है | खाना कम खाते हैं थोडा योग करके स्वस्थ रहने की कोशिश कर रहे हैं | उम्मीद है यह तूफान गुजर जायेगा और जिंदगी वापस पटरी पर लौटेगी | अभी तक मैं काम और नौकरी के बारे में सोचता रहा | पैसा कमाया और पैसे को जिंदगी के लिए जरूरी समझता रहा | अब लगता है पैसा जिंदगी के लिए उतना जरूरी नहीं है जितना मैं सोचता था | पता नहीं इस महामारी के बाद की दुनिया कैसी होगी | मेरा दुनिया से मोह भंग होता जा रहा है | मन करता है की किसी एकांत में जाकर जरूरतमंद लोगों की थोड़ी सेवा कर लूँ | मन चंचल होता जा रहा है | शकुन अपशकुन के बीच डोलता रहता है | जिंदगी इतनी मजबूर कर देगी कभी सोचा नहीं था | बस ये तूफ़ान गुजर जाये |

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